भारत भर में स्थित पावरग्रिड द्वारा संचालित उप-केंद्रों के रिमोट मॉनिटरिंग तथा नियंत्रण करने के लिये एनटीएएमसी (नेशनल ट्रांसमिशन एसेट मैनेजमैन्ट सेंटर) केन्द्रीकृत नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गयी है । मुख्य नियंत्रण केंद्र अर्थात एनटीएएमसी, मानेसर (गुरुग्राम-हरियाणा) में स्थित है, जबकि मुख्य नियंत्रण केंद्र का बैक-अप अर्थात बीएनटीएएमसी (बैक अप नेशनल ट्रांसमिशन एसेट मैनेजमैन्ट सेंटर) , बेंगलुरू (कर्नाटक) में स्थित है। इसके अलावा, सभी क्षेत्रीय मुख्यालयों में आरटीएएमसी (रीजनल ट्रांसमिशन एसेट मैनेजमैन्ट सेंटर) स्थापित हैं। एनटीएएमसी प्रणाली के अंतर्गत ग्यारह क्षेत्रीय केंद्र हैं जिनसे क्षेत्रीय मुख्यालयों के अंतर्गत आनेवाले उप-केंद्रों का मॉनिटरिंग तथा नियंत्रण किया जाता है। उ.क्षे.-1 आरटीएएमसी, मुख्य एनटीएएमसी के साथ सह-स्थित है और इसी प्रकार, द.क्षे.-2 का आरटीएएमसी भी बैक-उप एनटीएएमसी के साथ सह - स्थापित है ।
नियंत्रण केंद्रों मे उच्च तकनीक के सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन्स का उपयोग किया गया है जिनमें कुछ अप्रतिम विशेषताएं हैं जिन्हे भारतीय पारेषण क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करने के लिए विद्युत के क्षेत्र में पहली बार प्रयोग किया जा रहा है । एनटीएएमसी, पावरग्रिड की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है जिसमें पुरानी प्रणाली के उप-केंद्रों को अप-ग्रेड किया गया है। इस से कर्मचारियों को उप-केंद्रों के परंपरागत संचालन और रख-रखाव के स्थान पर नई तकनीक के साथ अपनी कौशल क्षमता विकसित करने का अवसर प्राप्त हुआ है ।
अन्य आरटीएएमसी के नियंत्रण केंद्र निम्नलिखित स्थानों पर स्थित हैं
क्र. सं. | आरटीएएमसी नियंत्रण केंद्र | नगर | राज्य/यू.टी |
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1 | उत्तरी क्षेत्र-2 | जम्मू | जम्मू तथा कश्मीर |
2 | पूर्वी क्षेत्र-1 | पटना | बिहार |
3 | पूर्वी क्षेत्र-2 | कोलकाता | पश्चिम बंगाल |
4 | उत्तर पूर्व क्षेत्र | शिलांग | मेघालय |
5 | दक्षिणी क्षेत्र-1 | हैदराबाद | तेलंगाना |
6 | पश्चिमी क्षेत्र-1 | नागपुर | महाराष्ट्र |
7 | पश्चिमी क्षेत्र-2 | वडोदरा | गुजरात |
8 | उत्तरी क्षेत्र-3 | लखनऊ | उत्तर प्रदेश |
9 | उड़ीसा | भुवनेश्वर | उड़ीसा |
जुलाई’2024 से यथास्थिति, नियंत्रक केंद्रों द्वारा पावरग्रिड के 281 ईएचवी उप-केंद्र नियंत्रित एवं मॉनिटर किए जा रहे हैं |
एनटीएएमसी प्रणाली के कार्य
एनटीएएमसी
- वास्तविक समय में विद्युत प्रणाली की मॉनिटरिंग
- आपाद स्थिति में आरटीएएमसी की भूमिका निभाना
- साइबर सुरक्षा कार्य केंद्र
आरटीएएमसी
- वास्तविक समय में विद्युत प्रणाली का नियंत्रण और मॉनिटरिंग
- लोड डिस्पैच केंद्रों के साथ समन्वयन
बैक-अप एनटीएएमसी
- आपदा पुनः पूर्ति
- एनटीएएमसी के सभी कार्यों को करने के लिए बैक-अप
एनटीएएमसी प्रणाली के लाभ
- ट्रिपिंग हो जाने पर वास्तविक समय मे ऑन-लाइन अलार्म/ईवेन्ट तथा डिस्टरबेन्स रिकार्ड फ़ाइल (डी.आर. फ़ाइल) मिलने के कारण तीव्रतर पुनर्स्थापना मे सहायता होती है ।
- अलार्म या खराबी का जल्दी पता लगा कर उप-केंद्रों के उपकरणो को होने वाली हानि से बचाता है ।
- उप-केंद्र के स्विचयार्ड उपकरणों की वास्तविक समय में निगरानी ।
- निर्धारित मानदंडों के अंतर्गत प्रचालन को सुनिश्चित करना ताकि उपकरणो की उपयोगिता लंबे समय तक बनी रहे।
- बहुस्तरीय इंटरलॉकिंग की वजह से उपकरणो का सुरक्षित कार्य संचालन ।
- विभिन्न विशेषज्ञों (ट्रान्सफारमर्, संरक्षा, स्विचगीयर, आई टी/टेलीकम्यूनिकेशन आदि) की सेवाएं वास्तविक समय पर ले कर उनका लाभ प्राप्त करना ।
- लोड-डिस्पैच केंद्रों के साथ प्रभावी समन्वयन ।
- उप-केंद्रों के संचालन में मानव हस्तक्षेप को कम करना ।
- मानव संसाधनों की प्रभावी उपयोगिता ।
- वास्तविक समय में प्रत्येक रिले की केन्द्रीकृत मोनिटरिंग ।